NGO द्वारा ग्रामीण छात्रों को छात्रवृत्ति: यथासंभव काउंसिल की खास पहल

सुपौल, बिहार: शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े हुए ग्रामीण इलाकों के मेधावी छात्रों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से यथासंभव काउंसिल ने हाल ही में दो अलग-अलग स्थानों पर सम्मान समारोह आयोजित किया। इस कार्यक्रम के तहत जिले के समदा और शिवनगर गांव के कई छात्रों को आर्थिक सहायता और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।

यथासंभव काउंसिल की यह पहल ग्रामीण छात्रों की शिक्षा में रुचि बनाए रखने और उनकी प्रतिभा को सम्मानित करने के लिए एक अहम कदम मानी जा रही है। खासकर उन छात्रों को जो आर्थिक तंगी के कारण अपने सपनों को पूरा नहीं कर पाते।

समदा में कक्षा 5 से 8 के मेधावी छात्रों का सम्मान

समदा स्थित उच्च माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 5 से 8 तक के मेधावी छात्र-छात्राओं को यथासंभव काउंसिल की ओर से सम्मानित किया गया। इन बच्चों को आर्थिक सहायता के साथ-साथ प्रमाण पत्र और शील्ड देकर उनके उज्जवल भविष्य के लिए प्रोत्साहित किया गया।

शिवनगर के बोर्ड टॉपर्स को विशेष सम्मान

शिवनगर गांव के छात्र आनंद कुमार और छात्रा स्मृति रानी, जिन्होंने बोर्ड परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त किए, उन्हें भी यथासंभव काउंसिल ने प्रोत्साहन राशि और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। काउंसिल के संरक्षक श्री संजीव मिश्रा ने इन बच्चों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं और कहा कि ग्रामीण प्रतिभाओं को सही दिशा और सहयोग मिले तो वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपने जिले का नाम रोशन कर सकते हैं।

यथासंभव काउंसिल: ग्रामीण शिक्षा को सशक्त बनाने का मिशन

यथासंभव काउंसिल एक गैर-सरकारी संगठन है जो मुख्य रूप से ग्रामीण भारत के वंचित लेकिन प्रतिभाशाली छात्रों को आर्थिक और शैक्षिक सहायता प्रदान करता है। संगठन का मकसद शिक्षा को हर बच्चे तक पहुंचाना और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाना है।

काउंसिल के संरक्षक श्री संजीव मिश्रा ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि हर बच्चे को उसका हक मिले। शिक्षा के जरिए ही हम समाज को मजबूत बना सकते हैं।”

डोनेशन से बदलेगा कई बच्चों का भविष्य

यथासंभव काउंसिल के इस मिशन में आपकी भी भागीदारी आवश्यक है। संगठन डोनेशन के माध्यम से अधिक से अधिक बच्चों तक अपनी सहायता पहुंचाना चाहता है। आपकी छोटी सी मदद भी किसी छात्र के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकती है।

डोनेट करने के लिए अधिक जानकारी www.yathasambhav.org/join पर उपलब्ध है।


निष्कर्ष

ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को शिक्षा के समान अवसर देना समाज का कर्तव्य है। यथासंभव काउंसिल जैसी संस्थाएं इस दिशा में महत्वपूर्ण काम कर रही हैं। यदि हर कोई थोड़ा-बहुत योगदान दे, तो ग्रामीण शिक्षा का स्तर निश्चित ही सुधरेगा और बच्चे अपने सपनों को साकार कर पाएंगे।

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